E-comic : पपीताराम और औकात
क्या आपने कभी किसी चीज़ को देखकर सोचा है — “काश! ये मेरी होती!” 😋 बिलकुल वैसे ही जैसे जब हम बेकरी की दुकान के बाहर से देखते हैं — केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स… और फिर हमारी ज़ुबान अपने आप कहती है
क्या आपने कभी किसी चीज़ को देखकर सोचा है — “काश! ये मेरी होती!” 😋 बिलकुल वैसे ही जैसे जब हम बेकरी की दुकान के बाहर से देखते हैं — केक, पेस्ट्री, चॉकलेट्स… और फिर हमारी ज़ुबान अपने आप कहती है
E-Comic : सम्पत चम्पत और बैंक की लूट- क्या आपने कभी सुना है — चोर भी कभी-कभी खुद ही फँस जाते हैं? अगर नहीं, तो तैयार हो जाइए एक ऐसी ही हँसी-ठिठोली भरी कहानी के लिए जहाँ न सिर्फ ठहाके लगते हैं बल्कि सिखने को भी मिलता है।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपका सबसे अच्छा दोस्त ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन बन जाए? हमारी इस कहानी में नीटू और उसके रोबो दोस्त के साथ कुछ ऐसा ही होने वाला है।
नमस्ते बच्चों! क्या आपने कभी सोचा है कि जब मोटू और पतलू, जो हमेशा अपनी हरक़तों से मुसीबत मोल लेते हैं, एक धार्मिक जागरण करने का फ़ैसला करें तो क्या होगा?
नीटू एक नटखट और जिज्ञासु बच्चा था। उसकी दुनिया हमेशा रोमांच और शरारत से भरी रहती थी। एक दिन अचानक उसे अजीब-सी आवाज़ सुनाई दी। कान बजने लगे तो नीटू को लगा कि शायद उसे भ्रम हो रहा है।
E-Comic : मोटू पतलू और बोरियत दूर : कहानी की शुरुआत होती है मोटू और पतलू से, जो घर में बैठे बोरियत से परेशान हैं। मोटू शिकायत करता है कि भूखे पेट उसका दिमाग ठीक से काम नहीं करता। तभी अचानक दरवाज़े से एक सांप अंदर आता है।
E-Comic : मोटू पतलू और गर्मी- गर्मियों की तेज धूप और लू ने मोटू-पतलू की हालत खराब कर दी। बिजली का बिल देखकर उन्होंने सोचा कि क्यों न इस बार गर्मी से निपटने के कुछ कुदरती उपाय किए जाएं।