बाल कविता : चंदामामा
“चंदामामा” एक सुंदर और स्नेह से भरी बाल कविता (Children’s Poem) है, जिसे शंकर विटणकर ने लिखा है। यह कविता बच्चों की कल्पना शक्ति (imagination) को नई उड़ान देती है।
“चंदामामा” एक सुंदर और स्नेह से भरी बाल कविता (Children’s Poem) है, जिसे शंकर विटणकर ने लिखा है। यह कविता बच्चों की कल्पना शक्ति (imagination) को नई उड़ान देती है।
बच्चों, गर्मी का मौसम (summer season) आते ही सबको सबसे पहले याद आता है – आम (mango)! कविता “छह साल की छोकरी” में एक प्यारी सी बच्ची अपनी टोकरी में आम भरकर लाती है और सबको बुलाती है।
बच्चों, सुबह का समय दिन का सबसे सुंदर और ताज़गी भरा समय (morning time for kids) माना जाता है। यही कारण है कि हमारी कहानियाँ और कविताएँ अक्सर सुबह की ताज़गी और नई शुरुआत से जुड़ी होती हैं।
बच्चों, आपने कभी सोचा है कि अगर पेड़ न हों तो हमारी धरती कैसी लगेगी? न हरियाली होगी, न ताज़ी हवा, न मीठे फल, न ठंडी छाया। इसलिए कहा जाता है कि पेड़ हमारे असली साथी (trees are our true friends) हैं।