बाल कविता : चंदामामा
“चंदामामा” एक सुंदर और स्नेह से भरी बाल कविता (Children’s Poem) है, जिसे शंकर विटणकर ने लिखा है। यह कविता बच्चों की कल्पना शक्ति (imagination) को नई उड़ान देती है।
“चंदामामा” एक सुंदर और स्नेह से भरी बाल कविता (Children’s Poem) है, जिसे शंकर विटणकर ने लिखा है। यह कविता बच्चों की कल्पना शक्ति (imagination) को नई उड़ान देती है।
“यह कैसी दीवाली है!” एक जागरूकता और पर्यावरण-संरक्षण पर आधारित हिंदी कविता है जो हमें त्योहारों के असली अर्थ की ओर लौटने की प्रेरणा देती है।
बच्चों, गर्मी का मौसम (summer season) आते ही सबको सबसे पहले याद आता है – आम (mango)! कविता “छह साल की छोकरी” में एक प्यारी सी बच्ची अपनी टोकरी में आम भरकर लाती है और सबको बुलाती है।
बच्चों, आपने कभी सोचा है कि अगर पेड़ न हों तो हमारी धरती कैसी लगेगी? न हरियाली होगी, न ताज़ी हवा, न मीठे फल, न ठंडी छाया। इसलिए कहा जाता है कि पेड़ हमारे असली साथी (trees are our true friends) हैं।
महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से बापू कहा जाता है, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। उन्होंने कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं अपनाया, बल्कि सत्य (truth) और अहिंसा (non-violence) के बल पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया।
बच्चों की कविताएँ हमेशा उनके दिल को छू जाती हैं क्योंकि उनमें मासूमियत, खेल और कल्पनाओं की दुनिया होती है। कविता “हाथी की शादी” ऐसी ही एक प्यारी रचना है
बचपन (childhood) हर किसी के जीवन का सबसे सुनहरा समय होता है। वह समय जब चेहरे पर बेफिक्र मुस्कान होती है और दिल में ढेर सारी मासूम शैतानियाँ। कविता “मुस्कान पुरानी” हमें उसी बचपन की गलियों में ले जाती है